Monday, September 21, 2009

अथ श्री सादगी पुराण .........


तो जनाब सादगी कि बात चलने लगी.
एक छोटी मूंछो वाले ठिगने आदमी ने कहा---
मैंने हजारों लोगो को बड़ी सादगी से मार डाला था. गैस चैंबर में. गोलियों में कौन खर्च करे.

नौकरशाह से मंत्री बने एक आदमी ने कहा--
हमारा देश तो सादगी पसंद शुरू से है. यहाँ के लोग इतने अमीर हैं कि अपने मवेशियों के लिए भी विमान में अलग सुविधा ले रखी है और कभी कभी उसमे खुद भी सफ़र कर लेते हैं. इसी को कैटल क्लास कह लेते हैं.

एक व्यापारी वर्ग के आदमी ने कहा--
मैं आजकल अपनी पत्नी को सिर्फ २०० करोड़ के ही बंगले गिफ्ट कर रहा हूँ, सादगी का ज़माना है भाई. और मंदी भी चल रही है.

ऐनक पहने और लाठी लिए एक बुजुर्ग कि तस्वीर जो पीछे लटकी हुई थी, अचानक कांपी और नीचे गिर पड़ी..............saadgi puran ..

1 comment:

  1. abhi aapki septembar mahine ki paancho post padi tajjub ek tippani tak nahi lekin tajjub kaisa blog me to is hath de us hath le chalta hai. maine abhi aapki ghazalnuma kavitayein padhi bahut achchhi lagi mujhe to.
    hindi ke liye ek to aap mere blog se hindi ke vijet ko jod lijiye use unicod obtion aapke blog par bhi aa jayega mera blog id hai
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